*स्टोरी*लघुकथा*संजय पुरोहित
----------------
नौजवान पत्रकार ने काला धंधा करने वाले गिरोह पर स्टोरी तैयार की। सरगना एक कथित समाजसेवी था। संपादक ने पत्रकार की पीठ थपथपाई।
सुबह नौजवान पत्रकार ने बार बार अखबार देखा।उसकी स्टोरी तो कहीं नहीं थी। लेकिन अखबार में कथित समाजसेवी का एक पृष्ठ का रंगीन चित्रमय विज्ञापन अवश्य था।
नौजवान पत्रकार ने आधुनिक पत्रकारिता का पहला सबक सीखा।
----------------
नौजवान पत्रकार ने काला धंधा करने वाले गिरोह पर स्टोरी तैयार की। सरगना एक कथित समाजसेवी था। संपादक ने पत्रकार की पीठ थपथपाई।
सुबह नौजवान पत्रकार ने बार बार अखबार देखा।उसकी स्टोरी तो कहीं नहीं थी। लेकिन अखबार में कथित समाजसेवी का एक पृष्ठ का रंगीन चित्रमय विज्ञापन अवश्य था।
नौजवान पत्रकार ने आधुनिक पत्रकारिता का पहला सबक सीखा।