*बी.पी.एल.*लघुकथा*संजय पुरोहित
मैला कुचैला सा पुराना कार्ड दिखा कर बुढिया अनाज मांग रही थी। राशन डिपो वाला बार बार बी.पी.एल.कार्ड मांग रहा था। इसी बीच एक बाईक सवार युवक आया। बालों में अंगुलियां फिरायी। जैकेट से बी.पी.एल. कार्ड निकाला और डिपो वाले के आगे किया। राशन वाला बोला," देख अम्मा,ऐसा होता है बी.पी.एल.कार्ड!" बुढिया ने कातर दृष्टि से देखा। उसके पास ऐसा कार्ड नहीं था। वह जान गयी, राशन नहीं मिलेगा।
राशन की बोरियों के उपर टंगा 'बापू' के चित्र वाला पुराना कैलेण्डर तेज हवा से फड़फड़ा उठा।
राशन की बोरियों के उपर टंगा 'बापू' के चित्र वाला पुराना कैलेण्डर तेज हवा से फड़फड़ा उठा।
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