संजय के इस ब्‍लॉग में आपका स्‍वागत है. मेरा सिरजण आप तक पहुंचे, इसका छोटा सा प्रयास।

Wednesday, October 4, 2017

*संकल्‍प**लघुकथा**संजय पुरोहित
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अपराधी पुत्र के दुखियारे पिता चल बसे। बैठक लगी। प्रतिदिन गरूड़-पुराण बांचा जाता। एक दिन कथावाचक ने नचिकेता वर्णित नर्क वृतान्त को सुनाया, "अधर्मी, पापी, दुष्टों को नर्क में नाना प्रकार की यातना दी जाती थी। किसी को कोड़े मारे जाते, कोई खौलते तेल में तला जाता..।" यह सुनते-सुनते अपराधी बेटे ने मन ही मन एक 'संकल्प' लिया। 
अगले दिन से गरूड़ पुराण बन्द करवा दिया।

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