संजय के इस ब्‍लॉग में आपका स्‍वागत है. मेरा सिरजण आप तक पहुंचे, इसका छोटा सा प्रयास।

Wednesday, October 4, 2017

*डेकोरम*लघुकथा*संजय पुरोहित
टी-शर्ट पहने एक युवा ऑफिसर को देखते ही बॉस ने डांटा, ''टी-शर्ट ?मीटींग का कोई डेकोरम है कि नहीं ?''
''सॉरी सर !अब ये गलती नहीं होगी।''रंगरूट मिमियाया।
साहब ने होठों के किनारे अटकी सिगरेट जलाते हुए वॉर्निग दी, ''आईन्‍दा से ये बेहुदगी नहीं चलेगी।'' 
युवा अधिकारी ने 'हां' में सिर हिलाया। 

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