संजय के इस ब्‍लॉग में आपका स्‍वागत है. मेरा सिरजण आप तक पहुंचे, इसका छोटा सा प्रयास।

Wednesday, October 4, 2017

*विलंब*लघुकथा*संजय पुरोहित

रेलकर्मी ऑफिस में चार घंटे विलंब से आया। नाराज साहेब ने डांटा,"इतने लेट ? शेम ऑन यू !"
"सॉरी सर। क्या करता, टूर पर था। ट्रेन शेड्यूल फाइनल करके आज आया, लेकिन ट्रेन ही लेट थी।"
साहब के पास अब कहने को कुछ नहीं था।

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