संजय के इस ब्‍लॉग में आपका स्‍वागत है. मेरा सिरजण आप तक पहुंचे, इसका छोटा सा प्रयास।

Wednesday, October 4, 2017

सत्संग* लघुकथा* संजय पुरोहित
टी.वी. में दर्शन देने से पॉप्‍युलर हुए स्वामीजी का प्रवचन। बड़ा पाण्डाल। कई महिलाएं अपनी बहूओं सहित सत्संग का पुण्य कमाने टूट पड़ी। इतनी देर बैठने की आदत नहीं होने के कारण बहूओं की कमर दुखने लगी। वे बेचारी बैठने की मुद्राएं बार-बार बदल रही थी। यह देख, स्वामीजी मंद-मंद मुस्कुराये। अपने चीफ चेले को बुलाया। उसके कान में कुछ कहा।
प्रवचन समाप्त हुआ। पाण्डाल के निकासी द्वार पर कमर दर्द का 'आध्यात्मिक' मल्हम विक्रय के लिए उपलब्ध था।
'आध्यात्मिक' मल्हम खूब बिका!


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