संजय के इस ब्‍लॉग में आपका स्‍वागत है. मेरा सिरजण आप तक पहुंचे, इसका छोटा सा प्रयास।

Wednesday, October 4, 2017

*बनना*लघुकथा*संजय पुरोहित
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उसने कॉन्‍फीडेंटली कहा, "यहां वक्‍त हो चला है एक शॉर्ट ब्रेक का। आप बने रहें..."
.... और हम 'बन' गये।
'बने' रहे।

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